qहिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने को हैं। और बात यह है कि बीजेपी अनुपम खेर को टिकट दे सकती है। अनुपम खेर का जन्म शिमला में हुआ था और बाकी जम्मू पंडितों की तरह उनका भी हिमाचल प्रदेश से गहरा संबंध है। लेकिन सवाल यह है कि क्या बीजेपी अनुपम खेर को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में भी पेश करेगी? दरअसल पीढ़ियों के रिटायर होने और बाकी लोगों में खींचतान होने के कारण हिमाचल बीजेपी में नेतृत्व का संकट है। उधर अनुपम खेर पीएम और अमित शाह, दोनों के काफी नजदीकी हैं।
माओवादियों की नजर
मध्यप्रदेश में हुए किसान आंदोलन के पीछे माओवादियों की सक्रियता अब सामने आने लगी है। महाराष्ट्र के एक शीर्ष माओवादी नेता ने बयान जारी करके मंदसौर के किसानों से कहा है कि आप इस आंदोलन के लिए हथियार उठाएं, हम आपके साथ हैं, लेकिन आप अपने नेताओं पर विश्वास न करें, उनका इरादा कुछ और है।
बता दे रहे हैं...
भारत सरकार के कुछ बड़े नेता और अधिकारी जिनके पुत्र-पुत्री और पत्नी एनजीओ चलाते हैं और जिसमें देश और विदेश दोनों से चंदा एकत्र किया जाता है, उन पर ख़ुफ़िया एजेंसियों की पैनी नज़र है। कभी कोई खबर सुनने को मिल जाए, तो यह न कहना कि पहले बताया नहीं था।
ममता बनेंगी जेपी!
राष्ट्रपति के लिए बीजेपी के उम्मीदवार की घोषणा हो जाने से विपक्षी एकता, एकजुटता, गठबंधन वगैरह को बड़ा झटका लग गया है। कांग्रेस के पास न पत्ते हैं, न संख्या है, न नाम है। तमाम विपक्षी नेता खाली-पीली में मीटिंग-मीटिंग खेल रहे हैं, सिर्फ एक को छोड़कर। वो नाम है बनर्जी, ममता बनर्जी। ममता बनर्जी विपक्षी गठबंधन की जेपी बनने के पूरे मूड में हैं। सोनिया गांधी से मिलने के बाद ममता मायावती से मिलने पहुंची और समझाया कि आप अखिलेश के साथ समझौता कर लें। ममता ने केजरीवाल को भी चाय-पकौड़े और आम खिलाकर यही कहा कि आप कांग्रेस से समझौता कर लो। इस समय दुश्मन सिर्फ मोदी हैं और कोई नहीं।
माओवादियों की नजर
मध्यप्रदेश में हुए किसान आंदोलन के पीछे माओवादियों की सक्रियता अब सामने आने लगी है। महाराष्ट्र के एक शीर्ष माओवादी नेता ने बयान जारी करके मंदसौर के किसानों से कहा है कि आप इस आंदोलन के लिए हथियार उठाएं, हम आपके साथ हैं, लेकिन आप अपने नेताओं पर विश्वास न करें, उनका इरादा कुछ और है।
बता दे रहे हैं...
भारत सरकार के कुछ बड़े नेता और अधिकारी जिनके पुत्र-पुत्री और पत्नी एनजीओ चलाते हैं और जिसमें देश और विदेश दोनों से चंदा एकत्र किया जाता है, उन पर ख़ुफ़िया एजेंसियों की पैनी नज़र है। कभी कोई खबर सुनने को मिल जाए, तो यह न कहना कि पहले बताया नहीं था।
ममता बनेंगी जेपी!
राष्ट्रपति के लिए बीजेपी के उम्मीदवार की घोषणा हो जाने से विपक्षी एकता, एकजुटता, गठबंधन वगैरह को बड़ा झटका लग गया है। कांग्रेस के पास न पत्ते हैं, न संख्या है, न नाम है। तमाम विपक्षी नेता खाली-पीली में मीटिंग-मीटिंग खेल रहे हैं, सिर्फ एक को छोड़कर। वो नाम है बनर्जी, ममता बनर्जी। ममता बनर्जी विपक्षी गठबंधन की जेपी बनने के पूरे मूड में हैं। सोनिया गांधी से मिलने के बाद ममता मायावती से मिलने पहुंची और समझाया कि आप अखिलेश के साथ समझौता कर लें। ममता ने केजरीवाल को भी चाय-पकौड़े और आम खिलाकर यही कहा कि आप कांग्रेस से समझौता कर लो। इस समय दुश्मन सिर्फ मोदी हैं और कोई नहीं।
Source:-Zeenews
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