फ्रैंकफर्ट एम मेन: जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल ने सोमवार (11 जून) को कहा कि जी7 सम्मेलन में शामिल अन्य देश के नेताओं की ओर से जारी संयुक्त आधिकारिक बयान को समर्थन नहीं देने का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ट्वीट ‘निराशाजनक’ है और इस पर गंभीरता से सोचे जाने की जरूरत है.
मर्केल ने एआरडी टीवी को दिए साक्षात्कार में कहा, 'हमने प्रमुख मुद्दों पर गंभीरता से बात की. हमारे बीच सहमति बनी और फिर राष्ट्रपति ट्रंप ने जिस तरह से एक ट्वीट के जरिए अपना सहयोग वापस ले लिया, वह बेहद निराशाजनक रहा.' मर्केल ने कहा कि यूरोप को अपना भाग्य अपने हाथ में लेना पड़ेगा. उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति क्यूबेक से जल्दी रवाना हो गए थे. क्यूबेक में जी7 का शिखर सम्मेलन हो रहा था.
इससे पहले जर्मनी के विदेश मंत्री मेको मास ने रविवार (10 जून) को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जी- 7 सम्मेलन के बाद एक संयुक्त बयान से पीछे हट कर यूरोप के साथ विश्वसनीय संबंध को तार-तार कर दिया. मास ने कहा कि आप महज एक ट्वीट कर बहुत तेजी से विश्वास खो देते हैं. गौरतलब है कि ट्रंप ने आमराय वाले एक बयान के शब्दों को खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था, ‘‘एकजुट यूरोप अमेरिका फर्स्ट का जवाब है. ’’ ट्रंप के इस कदम की रविवार(10 जून) को जर्मनी के राजनीतिक गलियारों में व्यापक निंदा की गई.
वहीं दूसरी ओर, वॉशिंगटन से प्राप्त खबर के मुताबिक व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार लैरी कुदलोव ने रविवार (10 जून) को कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूदो ने जी - 7 सम्मेलन में हमारी पीठ में छुरा घोंपा. कुदलोव ने कहा कि अमेरिका को जस्टिन द्वारा संवाददाता सम्मेलन में दिए बयान पर ऐतराज है. उन्होंने कहा कि हम सद्भावना के साथ बयान में शामिल हुए थे. हालांकि, इसके बाद ट्रंप ने ट्वीट किया कि उन्होंने अमेरिकी प्रतिनिधियों को बयान को मंजूरी नहीं देने का निर्देश दिया है.
Source:-ZEENEWS
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मर्केल ने एआरडी टीवी को दिए साक्षात्कार में कहा, 'हमने प्रमुख मुद्दों पर गंभीरता से बात की. हमारे बीच सहमति बनी और फिर राष्ट्रपति ट्रंप ने जिस तरह से एक ट्वीट के जरिए अपना सहयोग वापस ले लिया, वह बेहद निराशाजनक रहा.' मर्केल ने कहा कि यूरोप को अपना भाग्य अपने हाथ में लेना पड़ेगा. उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति क्यूबेक से जल्दी रवाना हो गए थे. क्यूबेक में जी7 का शिखर सम्मेलन हो रहा था.
इससे पहले जर्मनी के विदेश मंत्री मेको मास ने रविवार (10 जून) को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जी- 7 सम्मेलन के बाद एक संयुक्त बयान से पीछे हट कर यूरोप के साथ विश्वसनीय संबंध को तार-तार कर दिया. मास ने कहा कि आप महज एक ट्वीट कर बहुत तेजी से विश्वास खो देते हैं. गौरतलब है कि ट्रंप ने आमराय वाले एक बयान के शब्दों को खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था, ‘‘एकजुट यूरोप अमेरिका फर्स्ट का जवाब है. ’’ ट्रंप के इस कदम की रविवार(10 जून) को जर्मनी के राजनीतिक गलियारों में व्यापक निंदा की गई.
वहीं दूसरी ओर, वॉशिंगटन से प्राप्त खबर के मुताबिक व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार लैरी कुदलोव ने रविवार (10 जून) को कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूदो ने जी - 7 सम्मेलन में हमारी पीठ में छुरा घोंपा. कुदलोव ने कहा कि अमेरिका को जस्टिन द्वारा संवाददाता सम्मेलन में दिए बयान पर ऐतराज है. उन्होंने कहा कि हम सद्भावना के साथ बयान में शामिल हुए थे. हालांकि, इसके बाद ट्रंप ने ट्वीट किया कि उन्होंने अमेरिकी प्रतिनिधियों को बयान को मंजूरी नहीं देने का निर्देश दिया है.
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