कहते हैं किलकारियों को मुस्कुराहट देना भी किसी इबादत से कम नहीं है. पर जब सांसें कातिल बन जाए तो किलकारियां गूंजती नहीं बल्कि घुट जाती हैं. और यही हुआ सीरिया में.
सीरिया में शनिवार को रसायनिक हथियारों का हमले के बाद आई कुछ तस्वीरों ने पूरी दुनिया का कलेजा एक बार फिर छलनी कर दिया है.
सीरिया में शनिवार को रसायनिक हथियारों का हमला हुआ. विद्रोहियों के कब्जे वाली दोउमा में कथित तौर पर जहरीली गैस के हमले में 100 से ज्यादा लोग मारे गए, जिनमें बच्चों की तादाद ज़्यादा है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दोउमा में हुए रसायनिक हमले से 500 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. अपने बयान में संगठन ने कहा कि उनके सहयोगियों द्वारा दिए गए रिपोर्ट के अनुसार मेडिकल कैंप में कई बच्चों समेत 500 लोगों का चेकअप किया गया और उनमें जहरीले कैमिकल से एक्सपोजर के लक्षण दिखे हैं.
जहरीले कैमिकल के लक्षणों में सांसों में तकलीफ, म्यूकस मैंब्रेन में दिक्कत, शरीर पर छाले और दिमाग पर असर शामिल था. ऐसे में कहा जा रहा है कि हमले में सरीन जैसे गैस का प्रयोग हुआ होगा. स्वास्थ्य संगठन ने प्रभावित इलाकों में मदद पहुंचाने के लिए अनुमति देने की मांग की है.
इस केमिकल अटैक का सबसे आसान शिकार हुए वो छोटे-छोटे बच्चे, जिन्होंने अभी बड़ों की इस दुनिया में क़दम रखा ही था. कहा जा रहा है कि कैमिकल अटैक में प्रभावितों में ज्यादातर बच्चें शामिल हैं. कुछ बच्चों को मेडिकल कैंप में स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही हैं.
रसायनिक हमलों के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस, ईरान और सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद को जिम्मेदार ठहराया है. गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि 48 घंटों के भीतर 'बड़ा निर्णय' लिया जाएगा. हालांकि रूस ने अमेरिका के आरोपों को सिरे से खारिज किया है.
Source:-Aajtak
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सीरिया में शनिवार को रसायनिक हथियारों का हमले के बाद आई कुछ तस्वीरों ने पूरी दुनिया का कलेजा एक बार फिर छलनी कर दिया है.
सीरिया में शनिवार को रसायनिक हथियारों का हमला हुआ. विद्रोहियों के कब्जे वाली दोउमा में कथित तौर पर जहरीली गैस के हमले में 100 से ज्यादा लोग मारे गए, जिनमें बच्चों की तादाद ज़्यादा है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दोउमा में हुए रसायनिक हमले से 500 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. अपने बयान में संगठन ने कहा कि उनके सहयोगियों द्वारा दिए गए रिपोर्ट के अनुसार मेडिकल कैंप में कई बच्चों समेत 500 लोगों का चेकअप किया गया और उनमें जहरीले कैमिकल से एक्सपोजर के लक्षण दिखे हैं.
जहरीले कैमिकल के लक्षणों में सांसों में तकलीफ, म्यूकस मैंब्रेन में दिक्कत, शरीर पर छाले और दिमाग पर असर शामिल था. ऐसे में कहा जा रहा है कि हमले में सरीन जैसे गैस का प्रयोग हुआ होगा. स्वास्थ्य संगठन ने प्रभावित इलाकों में मदद पहुंचाने के लिए अनुमति देने की मांग की है.
इस केमिकल अटैक का सबसे आसान शिकार हुए वो छोटे-छोटे बच्चे, जिन्होंने अभी बड़ों की इस दुनिया में क़दम रखा ही था. कहा जा रहा है कि कैमिकल अटैक में प्रभावितों में ज्यादातर बच्चें शामिल हैं. कुछ बच्चों को मेडिकल कैंप में स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही हैं.
रसायनिक हमलों के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस, ईरान और सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद को जिम्मेदार ठहराया है. गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि 48 घंटों के भीतर 'बड़ा निर्णय' लिया जाएगा. हालांकि रूस ने अमेरिका के आरोपों को सिरे से खारिज किया है.
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