नई दिल्ली: 1998 में मलेशिया के कैम्पंग सुंगई निपाह नाम की जगह से शुरू हुआ निपाह वायरस (Nipah Virus) 10 साल बाद भारत में फिर आ गया है. 2001 और 2007 में यह वायरस पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भी सामने आया था. अब यह केरल शहर में फैल रहा है. निपाह वायरस जानवर और इंसान दोनों के लिए जानलेवा है. इसकी चपेट में आकर अभी तक 13 से ज्यादा लोगों की मौत और लगभग 40 लोग प्रभावित हो चुके हैं. लोगों के दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाले निपाह वायरस से कुछ सरल उपाय अपनाकर बचा जा सकता है. निपाह वायरस स्वाभाविक रूप से कशेरुकी (vertebrate) जानवरों से मनुष्यों तक फैलती है.
हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने निपाह वायरस के बारे में यह खास जानकारी दी है :
1. निपाह वायरस के संक्रमण के लक्षणों की शुरुआत एन्सेफेलेटिक सिंड्रोम से होती है, जिसमें बुखार, सिरदर्द, म्यालगिया की अचानक शुरुआत, उल्टी, सूजन, विचलित होना और मानसिक भ्रम शामिल हैं. संक्रमित व्यक्ति 24 से 48 घंटों के भीतर कॉमेटोज हो सकता है.
2. निपाह एन्सेफेलाइटिस की मृत्यु दर 9 से 75 प्रतिशत तक है. निपाह वायरस संक्रमण के लिए कोई प्रभावी उपचार नहीं है. उपचार का मुख्य आधार बुखार और तंत्रिका संबंधी लक्षणों के प्रबंधन पर केंद्रित है. संक्रमण नियंत्रण उपाय महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि व्यक्तिगत रूप से ट्रांसमिशन हो सकता है. गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को गहन देखभाल की आवश्यकता है.
निपाह वायरस के बचने के आसान उपाय
1. सुनिश्चित करें कि आप जो खाना खाते हैं वह चमगादड़ या उनके मल से दूषित नहीं है.
2. चमगादड़ के कुतरे फलों को खाने से बचें, पाम के पेड़ के पास खुले कंटेनर में बनी पीने वाली शराब पीने से बचें, बीमारी से पीड़ित किसी भी व्यक्ति से संपर्क में आने से बचें.
3. अपने हाथों को अच्छी तरह से स्वच्छ करें और धोएं, आमतौर पर शौचालय के बाल्टी और मग.
4. रोगी के लिए उपयोग किए जाने वाले कपड़े, बर्तन और सामान को अलग से साफ करें.
5. निपाह बुखार के बाद मरने वाले किसी भी व्यक्ति के मृत शरीर को ले जाते समय चेहरे को कवर करना जरूरी है.
6. मृत व्यक्ति को गले लगाने या चुंबन करने से बचें.
7. निपाह वायरस से प्रभावित क्षेत्रों में यात्रा ना करें और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से दूर रहें. (इनपुट - आईएएनएस)
हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने निपाह वायरस के बारे में यह खास जानकारी दी है :
1. निपाह वायरस के संक्रमण के लक्षणों की शुरुआत एन्सेफेलेटिक सिंड्रोम से होती है, जिसमें बुखार, सिरदर्द, म्यालगिया की अचानक शुरुआत, उल्टी, सूजन, विचलित होना और मानसिक भ्रम शामिल हैं. संक्रमित व्यक्ति 24 से 48 घंटों के भीतर कॉमेटोज हो सकता है.
2. निपाह एन्सेफेलाइटिस की मृत्यु दर 9 से 75 प्रतिशत तक है. निपाह वायरस संक्रमण के लिए कोई प्रभावी उपचार नहीं है. उपचार का मुख्य आधार बुखार और तंत्रिका संबंधी लक्षणों के प्रबंधन पर केंद्रित है. संक्रमण नियंत्रण उपाय महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि व्यक्तिगत रूप से ट्रांसमिशन हो सकता है. गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को गहन देखभाल की आवश्यकता है.
निपाह वायरस के बचने के आसान उपाय
1. सुनिश्चित करें कि आप जो खाना खाते हैं वह चमगादड़ या उनके मल से दूषित नहीं है.
2. चमगादड़ के कुतरे फलों को खाने से बचें, पाम के पेड़ के पास खुले कंटेनर में बनी पीने वाली शराब पीने से बचें, बीमारी से पीड़ित किसी भी व्यक्ति से संपर्क में आने से बचें.
3. अपने हाथों को अच्छी तरह से स्वच्छ करें और धोएं, आमतौर पर शौचालय के बाल्टी और मग.
4. रोगी के लिए उपयोग किए जाने वाले कपड़े, बर्तन और सामान को अलग से साफ करें.
5. निपाह बुखार के बाद मरने वाले किसी भी व्यक्ति के मृत शरीर को ले जाते समय चेहरे को कवर करना जरूरी है.
6. मृत व्यक्ति को गले लगाने या चुंबन करने से बचें.
7. निपाह वायरस से प्रभावित क्षेत्रों में यात्रा ना करें और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से दूर रहें. (इनपुट - आईएएनएस)
Source:-NDTV
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