Thursday 28 June 2018

पाकिस्तान को लगा तगड़ा झटका, एफएटीएफ ने 'ग्रे लिस्ट' में डाला नाम

नई दिल्ली: पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों की फंडिंग रोक पाने में विफल रहने के कारण फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने उसे निगरानी सूची (ग्रे लिस्ट) में डाल दिया है. एफएटीएफ वैश्विक आंतकी संगठनों पर वित्तीय प्रतिबंध लगाने के लिए प्रहरी के रूप में काम करने वाला संगठन है. पाकिस्तान की तरफ से इस्लामाबाद की तरफ से अपना पक्ष रखने के लिए अंतरिम वित्त मंत्री शमशाद अख्तर को पेरिस में चल रही एफएटीएफ की बैठक में भेजा गया था. पाकिस्तान के खिलाफ ये फैसला संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की फंडिंग के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करने को लेकर लिया गया है.

 एफएटीएफ एक अंतर- सरकारी निकाय है
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने आतंकवादी संगठनों को होने वाली फंडिंग पर करारी चोट करने के लिए वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) को 26 सूत्री विस्तृत कार्य योजना सौंपी थी ताकि पाकिस्तान खुद को एफएटीएफ द्वारा काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डाले जाने से बच सके. जिन आतंकवादी संगठनों की फंडिंग पर चोट करने की योजना है उनमें मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की अगुवाई वाला जमात-उद-दावा और उसके कई सहयोगी संगठन भी शामिल हैं. एफएटीएफ एक अंतर- सरकारी निकाय है जिसका गठन धनशोधन , आतंकवादियों के वित्तपोषण और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था को किसी तरह के अन्य खतरे से मुकाबले के लिए किया गया था.

26 कार्रवाइयों को विस्तृत रूप में प्रकाशित किया गया है
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से अखबार ने कहा कि पाकिस्तान की योजना है कि आईएसआईएस, अल-कायदा, जमात-उद-दावा और इसके सहयोगी संगठन फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन और लश्कर-ए-तैयबा, जैश- ए- मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क और तालिबान से जुड़े लोगों की फंडिंग पर करारी चोट की जाए. ऐसा पहली बार है कि सभी 26 कार्रवाइयों को विस्तृत रूप में प्रकाशित किया गया है.

Source:-ZEENEWS

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Friday 22 June 2018

ट्रंप ने नॉर्थ कोरिया के खिलाफ बढ़ाई नेशनल इमरजेंसी, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बताया खतरा

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया के खिलाफ राष्ट्रीय आपात (नेशनल इमरजेंसी) की अवधि 22 जून को एक और साल के लिए बढ़ा दी. उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया अब भी अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और अर्थव्यवस्था के लिए ‘‘असामान्य और असाधारण’’ खतरा पेश करता है. ट्रंप की यह टिप्पणी तब आई है जब एक पखवाड़े से भी कम समय पहले उन्होंने सिंगापुर में किम जोंग उन के साथ ऐतिहासिक शिखर वार्ता की जिसमें उत्तर कोरियाई नेता परमाणु निरस्त्रीरकण के लिए राजी हुए.

ट्रंप ने कहा कि जब तक परमाणु निरस्त्रीकरण पूरा नहीं होता तब तक वह अधिकतम दबाव बनाने का अभियान जारी रखेंगे और उत्तर कोरिया के खिलाफ कोई भी प्रतिबंध नहीं हटाएंगे. आपको बता दें कि, ट्रंप से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके बुश और ओबामा ने उत्तर कोरिया के खिलाफ नेशनल इमरजेंसी लागू की थी. हालांकि, 12 जून को सिंगापुर में हुई डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन की बात-चीत के बाद किए गए ट्रंप के बयान का कार्यकारी आदेश ने विरोध किया था.

ट्रंप ने अपने इस बयान में कहा था, भविष्य के लिए उत्तर कोरिया के पास काफी संभावना है. ट्रम्प ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि अमेरिका के लिए उत्तर कोरिया अब कोई परमाणु खतरा नहीं है. अमेरिकियों और शेष दुनिया को ‘‘आज रात चैन की नींद सोना चाहिए.’’ इसके अलावा ट्रंप ने एक और बयान में कहा था कि उत्तर कोरिया अब उनके लिए खतरा नहीं रहा. उन्होंने कहा, किम जोंग उन के साथ ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के बाद उत्तर कोरिया अब अमेरिका के लिए कोई परमाणु खतरा नहीं है. ट्रम्प ने वापस वॉशिंगटन पहुंचते ही ट्वीट किया था कि, ‘‘अभी-अभी पहुंचा हूं, लेकिन मेरे कार्यभार संभालने के दिन के मुकाबले अब हर कोई अधिक सुरक्षित महसूस कर रहा है.’’

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Tuesday 19 June 2018

लंदन: मस्जिद आतंकी हमले की बरसी पर टेरेजा मे ने कहा- 'देश का बंटवारा नहीं होने देंगे'

लंदन: ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेजा मे ने उत्तरी लंदन स्थित मस्जिद पर हुए आतंकी हमले के एक साल पूरे होने के मौके पर कहा कि ‘‘घिनौने आतंकवादी’’ देश का बंटवारा नहीं कर सकते. पिछले साल 19 जून को उत्तरी लंदन में फिन्सबरी पार्क स्थित मस्जिद में एक व्यक्ति ने नमाज़ियों के बीच वैन घुसा दी थी. इसमें छह बच्चों के पिता मकरम अली की जान चली गई थी और 12 अन्य लोग घायल हुए थे. स्थानीय समयानुसार सुबह साढ़े नौ बजे एक मिनट तक मौन रखकर मकरम अली को याद किया गया.

‘इस्लिंगटन टाउन हॉल’ में आयोजित इस समारोह में गृह मंत्री साजिद जाविद, लंदन के मेयर सादिक खान और विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कार्बीन मस्जिद के इमाम मोहम्मद महमूद के साथ शामिल हुए.  टेरेजा मे ने एक बयान में कहा, ‘‘इन सभी आतंकवादी गतिविधियों का लक्ष्य हमे बांटना है लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे. ’’

मस्जिद के बाहर राहगीरों पर चढ़ाई कार, एक की मौत
आपको बता दें कि पिछले साल लंदन में सड़क पर चल रहे लोगों के ऊपर गाड़ी चलाने का मामला सामने आया था. स्‍थानीय पुलिस के मु‍ताबिक उत्तरी लंदन में एक तेज रफ्तार वाहन ने राहगीरों को कुचलने की कोशिश की थी. घटना लंदन के फिन्सबरी पार्क इलाके में सेवन सिस्टर्स रोड पर हुई.

इस घटना में तीन आतंकियों ने लंदन ब्रिज पर पैदल चल रहे लोगों पर कार चढ़ा दी थी और इसके बाद गाड़ी को पास ही स्थित प्रसिद्ध बरो बाजार की तरफ ले गए और वहां मौजूद लोगों पर छुरे से हमला शुरू कर दिया था. पिछले साल 22 मार्च को एक व्यक्ति ने लंदन में वेस्टमिंस्टर ब्रिज पर लोगों पर कार चढ़ा दी थी. जबकि एक पुलिसकर्मी को चाकू से मार डाला था.  वहीं 22 मई को एक आत्मघाती हमलावर ने पॉप सिंगर एरियाना ग्रांडे के कंसर्ट में 22 लोगों को मार डाला. एरियाना का कंसर्ट उत्तरी इंग्लैंड के मैनचेस्टर में हो रहा था.

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Monday 18 June 2018

झारखंड : मुख्यमंत्री आवास घेरने के मामले में यशवंत सिन्हा सहित चार बरी

रांची : वर्ष 2008 में झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा का आवास घेरने के एक मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा सहित चार लोग बरी हो गए. साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने इन्हें बरी कर दिया. रांची सिविल कोर्ट की न्यायाधीश वैशाली श्रीवास्तव की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया.

इसी के साथ यशवंत सिन्हा, पूर्व सांसद अजय मारू, पूर्व सांसद यदुनाथ पांडे और खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन संजय सेठ बरी हो गए. दस साल पहले के इस मामले में रांची में सीएम आवास घेरने के दौरान अवैध मजमा लगाने और पुलिस बैरिकेटिंग तोड़ने का इन लोगों पर आरोप लगा था. सुनवाई के दौरान आरोपियों ने अपने ऊपर लगे आरोप को निराधार बताया था. उस समय सूबे के मुख्यमंत्री मधु कोड़ा थे.

बात दें कि भ्रष्टाचार के मामले को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के आवास का घेराव करने के दौरान हंगामा हुआ था. सभी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है.

ज्ञात हो कि मामले के मुख्य गवाह जांच पदाधिकारी चंद्रशेखर तिवारी और मामला दर्ज कराने वाले तत्कालीन दंडाधिकारी रंजीत सिन्हा गवाही देने के लिए हाजिर नहीं हुए. गोंडा थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी शैलेश प्रसाद और रांची के तत्कालीन एसडीओ मनोज कुमार के साथ-साथ कई पुलिसकर्मी भी गवाही देने के लिए कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. यह मुकदमा 12 मई 2008 को गोंदा थाने में दर्ज हुआ था.

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Sunday 17 June 2018

लंदन: नवाज शरीफ की पत्नी के कमरे में घुस रहा था शख्स, पुलिस ने किया गिरफ्तार

लंदन/ इस्लामाबाद: ब्रिटेन की पुलिस ने पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पत्नी कुलसुम नवाज के अस्पताल के कमरे में कथित तौर पर घुसने की कोशिश कर रहे एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक सुरक्षाकर्मियों ने लंदन स्थित अस्पताल में भर्ती कुलसुम के कमरे में घुसने के प्रयास को विफल कर दिया. इसके बाद उसे पुलिस को सौंप दिया गया. कुलसुम (68) के गले के कैंसर से पीड़ित होने की बात सामने आने के बाद पिछले साल उनकी कई सर्जरी की गयी थी. उन्हें हाल में दिल का दौरा पड़ा था और उनकी तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है.

नवाज शरीफ की पत्नी कुलसुम को पड़ा दिल का दौरा, बेटे हुसैन की देश से मां के लिए दुआ करने की अपील
आपको बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पत्नी कुलसुम नवाज को दिल का दौरा पड़ने के बाद उनकी हालत और खराब हो गई है. इन दिनों वह ब्रिटेन में हैं, जहां गले के कैंसर की सर्जरी के बाद उनका उपचार चल रहा है. नवाज की बेटी मरियम नवाज ने बताया कि गुरुवार देर रात कुलसुम (68) की हालत और खराब होने के बाद उन्हें लंदन के अस्पताल की इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में रखा गया.

मरियम ने ट्वीट किया, ‘‘हम विमान में थे जब अम्मी को अचानक दिल का दौरा पड़ा. वह आईसीयू में हैं और तब से ही वेंटिलेटर पर हैं.’’ अपने पिता के साथ लंदन पहुंची मरियम ने शुभचिंतकों से अपनी मां के लिए दुआएं करने का अनुरोध किया. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक कुलसुम को बुधवार (14 जून) को फिर से अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.

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Friday 15 June 2018

पेशावर के आर्मी स्कूल का हमलावर फजलुल्ला मारा गया, 50 लाख डॉलर का था इनाम

वाशिंगटन : अफगानिस्तान के पूर्वी कुनार प्रांत में अमेरिका के ड्रोन विमान हमले में पाकिस्तानी तालिबान का प्रमुख मौलाना फजलुल्ला मारा गया है. अफगानिस्तानी रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की. अमेरिका ने फजलुल्ला को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित कर रखा था. उसके सिर पर 50 लाख डॉलर का इनाम था.

अमेरिकी सेना ने कहा कि उसने अफगानिस्तान में एक बड़े आतंकवादी को निशाना बना कर हमला किया. हालांकि, उसने आतंकवादी की पहचान नहीं बताई थी. लेफ्टिनेंट कर्नल मार्टिन ओ डोन्नेल ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी सैनिकों ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा के निकट कुनार प्रांत में 13 जून को आतंकवाद विरोधी एक अभियान चलाया, जिसमें एक आतंकवादी संगठन के प्रमुख को निशाना बनाया गया.

अफगान रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद रदमानिश ने सीएनएन से इस बात की पुष्टि की कि फजलुल्ला हमले में मारा गया. पाकिस्तानी अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि दंगम जिले के नुर गुल काले गांव में हुए ड्रोन हमले में फजलुल्ला और तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के चार अन्य कमांडर मारे गए. रिपोर्टों में कहा गया है कि जब अमेरिकी ड्रोन ने हमला किया तो फजलुल्ला और उसके कमांडर इफ्तार कर रहे थे. हालांकि, टीटीपी ने ड्रोन हमले में अपने प्रमुख की मौत हो जाने की पुष्टि नहीं की है.

अमेरिका ने कहा कि फजलुल्ला ने 2012 में मलाला यूसुफजई की हत्या का भी फरमान दिया था. अमेरिका ने यह हमला उस वक्त किया है, जब अफगान तालिबान और अफगान सुरक्षा बलों के बीच रमजान के खत्म होने तक संघर्षविराम को लेकर सहमति बनी हुई है.

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Thursday 14 June 2018

अमेरिका के बाद इस ताकतवर मुल्क ने दिया किम जोंग को अपने देश आने का न्योता

मास्को: राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार (14 जून) को उत्तर कोरिया के एक वरिष्ठ अधिकारी के जरिए किम जोंग उन को रूस आने का न्यौता दिया. इसके साथ ही पुतिन ने सिंगापुर में डोनाल्ड ट्रंप के साथ किम जोंग की हुई बैठक को भी सराहा. पुतिन ने उत्तर कोरिया के शीर्ष अधिकारी और राज्य के सेरेमोनियल हेड किम योंग नाम की अगवानी करते हुए कहा, 'इसमें कोई शक नहीं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ किम जोंग की सिंगापुर वार्ता कोरियाई प्रायद्वीप के साथ ही दुनिया पर छाए परमाणु हमले को सुलझाने की दिशा में बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है.'

पुतिन ने कहा, 'नकारात्मक विचारों को एक तरफ रखकर किये गए इस मुलाकात (सिंगापुर वार्ता) के लिए शुक्रिया.' इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'निश्चित तौर पर इस मुलाकात के बाद आगे का रास्ता आसान हुआ है और कोरियाई प्रायद्वीप पर मंडरा रहे संकट में कमी आई है.'

12 जून को सिंगापुर में डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच ऐतिहासिक वार्ता हुई थी. यह एक अप्रत्याशित मुलाकात थी, जहां दुनिया के सबसे शक्तिशाली और पुराने लोकतंत्र के नेता को तानाशाही साम्राज्य की तीसरी पीढ़ी के नेता से हाथ मिलाते देखा गया. इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं के बीच हुई वार्ता में कोरियाई प्रायद्वीय को पूरी तरह से परमाणु हथियारों से मुक्त करने की दिशा में बढ़ने पर सहमति बनी थी, लेकिन इस समझौते में इस बात का ब्योरा नहीं दिया गया है कि उत्तर कोरिया कब और कैसे अपने हथियार छोड़ेगा, यही वजह है कि इस समझौते की आलोचना भी हो रही है.

मई माह में रूस के विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव ने उत्तर कोरिया जाकर किम जोंग से मुलाकात की थी और ऐसा करने वाले वे पहले रूसी अधिकारी थे. उत्तर कोरिया और रूस दोनों ही मुल्क आपस में एक संक्षिप्त सीमाई भूमि साझा करते हैं और इनके बीच संधियों-समझौतों का एक लंबा इतिहास है.

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Wednesday 13 June 2018

सिंगापुर में मीटिंग के बाद अमेरिका बोला, उत्तर कोरिया 2020 तक परमाणु हथियारों को खत्म करे

सियोल: अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो का कहना है कि वॉशिंगटन चाहता है कि उत्तर कोरिया 2020 तक परमाणु निरस्त्रीकरण के लक्ष्य को पूरा करे. डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच सिंगापुर में हुई बैठक के बाद बुधवार (13 जून) को यह बयान आया. उत्तर कोरिया ने बयान में कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण निरस्त्रीकरण की दिशा में काम करने पर सहमति जताई, लेकिन इस दस्तावेज में यह स्पष्ट नहीं था कि प्योंगयांग कब और कैसे ऐसा करेगा. पोम्पियो ने दक्षिण कोरिया के दौरे पर कहा था कि उत्तर कोरिया के साथ अभी एक बड़ा समझौता होना बाकी है. उन्होंने कहा, "बड़े पैमाने पर निरस्त्रीकरण. हमें उम्मीद है कि इस लक्ष्य को ढाई साल में हासिल किया जा सकता है."

अमरीकी विदेश मंत्री का यह बयान सिंगापुर में ट्रंप और उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन की मुलाकात के एक दिन बाद आया है. सिंगापुर में दोनों नेताओं (डोनाल्ड ट्रंप, किम जोंग उन) के बीच कोरियाई प्रायद्वीय को पूरी तरह से परमाणु हथियारों से मुक्त करने की दिशा में बढ़ने पर सहमति बनी थी, लेकिन इस समझौते में इस बात का ब्योरा नहीं दिया गया है कि उत्तर कोरिया कब और कैसे अपने हथियार छोड़ेगा, यही वजह है कि इस समझौते की आलोचना भी हो रही है.

वहीं दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार (13 जून) को घोषणा की कि किम जोंग उन के साथ ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के बाद उत्तर कोरिया अब अमेरिका के लिए कोई परमाणु खतरा नहीं है. ट्रम्प ने वापस वॉशिंगटन पहुंचते ही ट्वीट किया, ‘‘अभी-अभी पहुंचा हूं, लेकिन मेरे कार्यभार संभालने के दिन के मुकाबले अब हर कोई अधिक सुरक्षित महसूस कर रहा है.’’

उन्होंने यह भी कहा कि किम के साथ मुलाकात रोचक थी और यह अत्यंत सकारात्मक अनुभव था. भविष्य के लिए उत्तर कोरिया के पास काफी संभावना है. ट्रम्प ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि अमेरिका के लिए उत्तर कोरिया अब कोई परमाणु खतरा नहीं है. अमेरिकियों और शेष दुनिया को ‘‘आज रात चैन की नींद सोना चाहिए.’’

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Tuesday 12 June 2018

Congress blames MP CM Shivraj Singh Chouhan for Bhayyuji Maharaj's suicide, demands CBI probe

The Madhya Pradesh unit of Congress party has demanded a probe by the Central Bureau of Investigation (CBI) in the death of self-styled godman and spiritual leader Bhayyuji Maharaj. The spiritual leader, who was recently offered MoS position by Madhya Pradesh Chief Minister Shivraj Singh Chouhan, allegedly committed suicide at his residence in Indore on Tuesday.

The Congress party has alleged that Bhayyuji Maharaj was under pressure because of Madhya Pradesh government and Chief Minister Shivraj Singh Chouhan. The opposition party claimed that Chouhan had been forcing him to become a minister in his government and work for the Bharatiya Janata Party (BJP). According to them, Bhayyuji Maharaj had refused to take facilities provided by the state government and refused to become a minister.

When the post of Minister of State was offered to him by the Chouhan government in April, Bhayyuji Maharaj had refused to accept it saying “a post holds no importance for a saint”.

Born as Uday Singh Deshmukh, Bhayyuji Maharaj enjoyed a large following among politicians and film stars. Among those who used to pay obeisance to him were Maharashtra Chief Minister Devendra Fadnavis and former President Pratibha Patil. Bhayyuji was a popular name in Uttar Pradesh as well.

Bhayyuji attracted national attention in August 2011 when anti-corruption crusader Anna Hazare was on indefinite hunger strike for Lokpal bill. When Anna was not ready to discuss it with the Union government, late Vilasrao Deshmukh brought Bhayyuji to hold parleys with Anna.

He had also coordinated with the then law minister Salman Khurshid and Delhi MP Sandeep Dikshit and prepared the draft of the Lokpal bill, which was acceptable to both the parties.

Prior to following the path of spiritualism, Bhayyuji Maharaj had tried his hands in modelling.

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Monday 11 June 2018

राहुल गांधी आज ठाणे की अदालत में होंगे पेश, आरएसएस पर की थी टिप्‍पणी

मुंबई : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यकर्ता द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि के एक मुकदमे में आज (मंगलवार को) ठाणे जिले की एक अदालत के समक्ष पेश होंगे. पेशी के लिए राहुल गांधी महाराष्ट्र के दो दिवसीय दौरे पर मंगलावर सुबह मुंबई पहुंचे. राहुल सुबह 11 बजे ठाणे में भिवंडी की एक अदालत में पेश होंगे. उनके पेश होने के कारण सुरक्षा के मद्देजनर अदालत और आसपास के क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा रखी गई है.

अदालत ने वर्ष 2014 में आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंते द्वारा दायर मानहानि के एक मामले में बयान दर्ज कराने के लिए राहुल को अदालत में पेश होने का दो मई को आदेश दिया था. कुंते ने एक चुनावी रैली में राहुल गांधी का भाषण देखने के बाद मुकदमा दायर किया था. अपने भाषण में राहुल ने कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या के पीछे आरएसएस का हाथ था.

महाराष्ट्र के दो दिन के दौरे में राहुल बृहन्मुंबई महानगरपालिका में पार्टी कार्यकर्ताओं और पार्षदों को भी संबोधित कर सकते हैं. बुधवार को दिल्ली लौटने से पहले उनका विदर्भ के चन्द्रपुर में चावल की खेती में क्रांति लाने वाले दादाजी खोबरागडे के परिजन से मुलाकात करने का कार्यक्रम है. लंबी बीमारी के बाद 78 वर्षीय खोबरागडे का इस महीने निधन हो गया था.

मीडिया में राहुल के राकांपा प्रमुख शरद पवार से मुलाकात करने की खबरें आ रही है, लेकिन उनके कार्यक्रम में ऐसी किसी बैठक का जिक्र नहीं है. कांग्रेस नेता ने कहा, 'दोनों दलों के शीर्ष नेता किसी भी समय मुलाकात कर सकते हैं, लेकिन ऐसी कोई बैठक आज एजेंडे में नहीं है'. उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी आज सुबह अदालत में पेश होंगे, दोपहर को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे तथा कांग्रेस पार्षदों से बातचीत करेंगे'.

Source:-ZEENEWS

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G7 पर ट्रंप के ट्वीट से भड़का जर्मनी, कहा- यूरोप को अपना भाग्य अपने हाथ में लेना पड़ेगा

फ्रैंकफर्ट एम मेन: जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल ने सोमवार (11 जून) को कहा कि जी7 सम्मेलन में शामिल अन्य देश के नेताओं की ओर से जारी संयुक्त आधिकारिक बयान को समर्थन नहीं देने का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ट्वीट ‘निराशाजनक’ है और इस पर गंभीरता से सोचे जाने की जरूरत है.

मर्केल ने एआरडी टीवी को दिए साक्षात्कार में कहा, 'हमने प्रमुख मुद्दों पर गंभीरता से बात की. हमारे बीच सहमति बनी और फिर राष्ट्रपति ट्रंप ने जिस तरह से एक ट्वीट के जरिए अपना सहयोग वापस ले लिया, वह बेहद निराशाजनक रहा.' मर्केल ने कहा कि यूरोप को अपना भाग्य अपने हाथ में लेना पड़ेगा. उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति क्यूबेक से जल्दी रवाना हो गए थे. क्यूबेक में जी7 का शिखर सम्मेलन हो रहा था.

इससे पहले जर्मनी के विदेश मंत्री मेको मास ने रविवार (10 जून) को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जी- 7 सम्मेलन के बाद एक संयुक्त बयान से पीछे हट कर यूरोप के साथ विश्वसनीय संबंध को तार-तार कर दिया. मास ने कहा कि आप महज एक ट्वीट कर बहुत तेजी से विश्वास खो देते हैं. गौरतलब है कि ट्रंप ने आमराय वाले एक बयान के शब्दों को खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था, ‘‘एकजुट यूरोप अमेरिका फर्स्ट का जवाब है. ’’ ट्रंप के इस कदम की रविवार(10 जून) को जर्मनी के राजनीतिक गलियारों में व्यापक निंदा की गई.

वहीं दूसरी ओर, वॉशिंगटन से प्राप्त खबर के मुताबिक व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार लैरी कुदलोव ने रविवार (10 जून) को कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूदो ने जी - 7 सम्मेलन में हमारी पीठ में छुरा घोंपा. कुदलोव ने कहा कि अमेरिका को जस्टिन द्वारा संवाददाता सम्मेलन में दिए बयान पर ऐतराज है. उन्होंने कहा कि हम सद्भावना के साथ बयान में शामिल हुए थे. हालांकि, इसके बाद ट्रंप ने ट्वीट किया कि उन्होंने अमेरिकी प्रतिनिधियों को बयान को मंजूरी नहीं देने का निर्देश दिया है.

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